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Friday, July 20, 2018

Nawazish khan ki Shayari

मेरे प्यार की कसम तुम्हें आना होगा
जो कभी वादा किया था वो निभाना होगा
जिन्दगी काट दी यादों में तेरे रो रो कर
करीब ए मर्ग हूॅ अब चेहरे को दिखाना होगा

आ गए जब से सिमटकर तेरे  पनाहों में
सुकून है खुल्द से बढ़कर के मिला बाहों में
लोग कहते रहे कि प्यार गुनाह होता है
शौक से शामिल हुए हम इस गुनाहों में
न छूटे हाथ मेरा तेरे कभी हाथों से
बिठाता दिल चलू नवाजिश तेरी राहों में
अल्लाह की कसम जब सीने से लगाया
चमकी एक बिजली सी और जलजला आया
मेरे दिल ने कहा बेशक यही  नूर ए जहां है
मैंने नकाब उनके जब चेहरे से हटाया

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