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Monday, June 25, 2018

Nawazish Ki Gazal

रुसवाइयां मिली मुझे बस ऐतबार में
 सारी उमर तरसते रहे वस्ले यार में 
 वक्त ऐ अजल वो आएगें ऐ रोशन आरजू रहा
 लेकिन झलक मिली ना बेवफा की प्यार में
 नौजवान कलमकार
 ( नवाजिश रोशन) 15 /06 /2018 / 6: AM लिखा गया



नवाजिश खान के शैर
हमें बस आरजू है उनसे दिल लगाने की
वह न रूठे तो मुझे परवह नहीं जमाने की
नवाजिश बन गई ऐ उल्फत है बंदगी मेरी
कोशिशें हर घड़ी करूंगा मैं निभाने की
2
कहकशां के नाम पर दे दूंगा खुदाई सारी
वसीला देकर नवाजिश मांग ले जो मांगना चाहे
3
जिसको मिलेगा, तेरे जुल्फों का पानी
पलट आएगी उसकी फिर से जवानी
तेरे होन्टों को ,चूम लेगा जो नवाजिश
फना ही न होगी ,उसकी जिन्दगानी
अपनों को जो सजा दे वह उल्फत नहीं जनाब
चिलमन जो हटा दूं कहीं रुसवा ना हो शबाब

1
तेरे बाहों मे हसी पल मैने गुजारा है
तेरे लिये जहां का हर सितम गवारा है
ऐ मेरी कहकशा यह बात याद तुम रखना
गुलाबी होंटों पर तेरे हक सिर्फ हमारा है
2
मेरे प्यार की कसम तुम्हें आना होगा
जो किया था मुझसे वादा वो निभाना होगा
जान जायेगी मेरी अब यादो मे
करीबे मर्ग हूं अब चेहरे को दिखाना होगा
मुमकिन हो जो अगर न कभी प्यार कीजिए
अपनो ने अपना कहके दफना दिया मुझे
बेशक सदा न अपनो पे एतवार कीजिए

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