आबरू उछाली गई अदालत में बुला के
अपने हैं दर किनार किया हमने भुला के आंखों में बसे रहते थे हम जिसके रात दिन
नजरें ही उसने फेर लिया नजरें मिला के
आबरू उछाली गई अदालत में बुला के अपने हैं दर किनार किया हमने भुला के आंखों में बसे रहते थे हम जिसके रात दिन नजरें ही उसने फेर लिया नजरें मिल...
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