pardeshi
Noorjahan Express
March 15, 2020
जिंदगी रही जबले देखब हम रहिया ऐ परदेशी हमके भूल नाहीं जईहा पल पल नैनवा बरसी मिली नाहीं चैना तहरे बिना ऐ पिया बीती कैसे रैना बिरह मे पागल...
आबरू उछाली गई अदालत में बुला के अपने हैं दर किनार किया हमने भुला के आंखों में बसे रहते थे हम जिसके रात दिन नजरें ही उसने फेर लिया नजरें मिल...