जिंदगी रही जबले देखब हम रहिया
ऐ परदेशी हमके भूल नाहीं जईहा पल पल नैनवा बरसी मिली नाहीं चैना
तहरे बिना ऐ पिया बीती कैसे रैना
बिरह मे पागल दिल आके समझईहा
सघवा बितावल पल ऊ जब याद आई
मीठी मीठी बतिया तहर हमके रुलाई
दिहा बचनिया तू ना दिल तड़फईहा
खेतवा के सोधी माटी अगना दुवार हो
नाही बिसरईहा करहै सब इन्तजार हो
दिलवा मा हमरे नाम आपन ही पईहा
1 comment:
Nice
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